मुझे खत लिखना
भूल जाओ अगर कोई बात
मुझे खत लिखना ।
याद रखना हो मुलाकात
मुझे खत लिखना ।
एक दिन आयेगा सैलाव
या संमुदर से ऊफान
खाली रह जायेगी कश्ती
और किनारे से मुकाम
तुम उठाओ अगर कोई पात
मुझे खत लिखना ।
भूल जाओ अगर कोई बात
मुझे खत लिखना ।
कमलेश कुमार दीवान
१७ मार्च २००९