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शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

बसंत के बारे मे

बसंत शुरूआत होती है जीवन के प्रस्फुटन की ।बसंत नव जीवन के  आभास  की प्रतिष्ठा है ।
बसंत त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा है ।बसंत एक अनुभव है सुख देने दुख सहन करने का ।
बसंत के बारे मै यह कहा जा सकता है कि बस.. अंत ....पर यह एक जज्वात भर है ।
बसंतपंचमी के अवसर पर शूभकामनाये । और यह गीत प्रस्तुत है ..
बसंत के बारे मे

ऐसे बसंत आये।
ऐसे बसंत आये।

मौसम हो खुशुबगार
और पँछी चहचहाये ।
नदिया बहे और खेतों मे
धानी चुनर लहराये।

ऐसे बसंत आये ।
ऐसे बसंत आये ।
 
 कमलेश कुमार दीवान
        27/11/09

गुरुवार, 22 जनवरी 2015

मै चलता रहा

मै चलता रहा

मै चलता रहा अजनवी रास्तो से
गजब क्या हुआ ,मेरी मंजिल ही आई

मेरा वास्ता रहनुमाई से ही था
करूँ क्या वयाँ जगहँसाई से ही था
कदम दर कदम लोग मिलते गये है
बना कारबाँ ही अजब हादसो से।

मै चलता रहा अजनबी रास्तो से ...।

मुझे भी तलाशा गया हाशियों मे
अकेला खड़ा रह गया साथियों मे
हर एक खाने मे टुकड़े टुकड़े हुआ हूँ
मिला कतरा कतरा मै उन बस्तियों मै।

मै चलता रहा अजनबी रास्तो से ...।

कमलेश कुमार दीवान
अप्रेल १९९१
mob.no.9425642458
email...kamleshkumardiwan@gmail.com

गुरुवार, 1 जनवरी 2015

नव वर्ष के शुभ अवसर पर मेरा यह गीत आप सभी को सादर समर्पित है

नया वर्ष शुभ हो ।

नया वर्ष हो, नये हर्ष हों
हो नई खुशी, नवोत्कर्ष हो

नई सुबह हो,नयी शाम हो
नई मजिंलें,नए मुकाम हो

नए लक्ष्य हों ,नए हौसले
हो नई दिशा, नए काफिले

नए चाँद तारे ..ओ आफताव
नई दृष्टियाँ ,नयी हो किताब

नये मिजाज हो, नये ख्वाब हों
नई हो नदी...    नयी नाव हो

नये वास्ते नए हैं सफर
नये अर्थ जिनकी तलाश हो

नई भोर की सौगात हो .
नई भोर की सौगात हो ।

शुभमंगलकामनाओं सहित।

        कमलेश कुमार दीवान
             लेखक
mob.no.9425642458
kamleshkumardiwan.blogspot.com
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