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गुरुवार, 27 अगस्त 2015

सोन चिरई आई है ...सावन गीत

सावन गीत ...सोन चिरई आई है


सोन चिरई आई है
अमुआ की डार पर
सावन के झूले
कहीं और डारना ।
सोन चिरई आई है...

माई जा आँगन मे
याद तुम्हारे संग की
भैया की काका की
दादी कै जीवन की
आँऊ मे बार बार
बाते सुन ले मन की
घर की दिवारो मे
यादें है जन जन की
न हो तार तार
होले होले बुहारना
अरजी है मेरी यही
सावन के झूले
द्वार  द्वार डालना

         कमलेश कुमार दीवान
                   3/8/13
 सावन पर बहने भुआ  अपने पीहर को कितना याद करती है यह सब्दो से वयाँ नही होता है पर कविता से..........

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